Brief History of India for Kids
This blog will help kids to understand the history of India in brief starting from 600B.C. Before this period, thousands of years, was golden period when Indians spread peace and its culture throughout the world. Indians never attacked anybody.
1. भारतवासी आर्य थे ।
-आर्य का मतलब है “श्रेष्ठ”।
- इस काल में संस्कार बने, गुरुकुल बने।
-सभ्यता और संस्कृति की भाषा संस्कृत थी।
-संयुक्त परिवार थे और महिलायों का सम्मान था।
-प्रकृति-पूजा प्रचिलित थी।
-जीवन का लक्ष्य था - सत्कर्म करते हुए मोक्ष प्राप्त करना
2. वैदिक काल से ही भारत में राजनैतिक संगठन बन गए थे।
600 B.C में भारत के 16 महा-जनपद (भू-भाग) थे। इनके नाम थे :
अंग, मगध, काशी, कौशल, वृज्जि, मल्ल, चेदि, सत्व, कुरु, पांचाल, मत्स्य, सूरसेन, अस्सक, अवंतिका, गांधार तथा काम्बोज।
3. भारत पर पहला आक्रमण
भारत में समय-समय पर उत्तरी पश्चिम सीमा से ईरानी, यूनानी, शक, कुषाण, और हुड का आना-जाना था।
इनमें से ईरानियों ने भारत पर सबसे पहले आक्रमण किया |
ईरान (पर्शिया,Persia) का राजा, साइरस, अपना राज्य (Persian Empire, पर्शियन एम्पायर) फैला रहा था। लगभग 530B.C में साइरस-I ने गांधार का कुछ राज्य हड़प लिया। पुकुसती उस समय गांधार के राजा थे। राजा पुकुसती और मस्सग की रानी टोमारिस की सेनाओं ने लड़ाई की और साइरस-I युद्ध में मारा गया।
3. भारत पर एलेग्जेंडर (Alexander) का हमला (336-323BC)
एलेग्जेंडर ग्रीस का राजा था। उसने अपना राज्य बहुत फैला लिया था। जब उसने ईरान पर कब्ज़ा किया तो वहां के लोग उसे सिकंदर बोलने लगे।
अपनी पिता के हत्यारे सिकंदर ने धोखे से कई राज्यों पर कब्ज़ा कर किया। भारत के पंजाब राज्य में उसका सामना राजा पुरु से हुआ। सिकंदर की सेना को लड़ाई में काफी नुक्सान हुआ और वे लोग वापस लौट गए। इस युद्ध में सिकंदर घायल हो गया था। 323 B.C. में उसकी बेबीलोन (Iraq) में मृत्य हो गयी |
4 भारत में शक का आना (Around 57B.C)
मिड-एशिया और चीन के कबीले, शक, अपना स्थान छोड़कर भारत के उत्तरी पश्चिम में सीस्तान (Iran) में रहने लगे परन्तु वहां के लोगों ने उन्हें रहने नहीं दिआ। वहां से ये शक भारत में गुजरात, पंजाब तथा मथुरा होते हुए मगध पहुंचे। पर हर जगह से इन्हे स्थानीय शासकों ने पराजित कर दिया। मालव के राजा गर्द मिल्य ने भी इन्हें 57 B.C में पराजित किया और विक्रमादित्य की उपाधि ली अथवा “विक्रम सम्वत” चलाया |
5. भारत में कुषाणों का प्रभाव
लगभग 100 ईसवी में कुषाण राजवंश में कनिष्क नामक शासक का बहुत प्रभाव रहा। उस समय इनका राजवंश गांधार से लेकर पाटलीपुरा तक था। गांधार की राजधानी पेशावर थी और दूसरी राजधानी मथुरा थी। सम्राट समुद्रगुप्त (335-375 ईसवी) ने पश्चिम पंजाब और अफगानिस्तान को कुषाणों से मुक्त कराया। समुद्रगुप्त के पुत्र चन्द्रगुप्त II (विक्रमादित्य) ने उन्हें हिन्दुकुश refer map below) के पार खदेड़ दिया।
Note: भारत में गुप्त साम्राज्य 240 ईसवी से लेकर 550 ईसवी तक रहा । ये भारत का “गोल्डन एरा” बताया जाता है। इस समय के प्रसिद्ध राजा थे क्रमशः श्री-गुप्त, घटोत्कच्छ, चन्द्रगुप्त-I , समुद्रगुप्त, चन्द्रगुप्त-II, कुमारगुप्त, स्कंदगुप्त, नरसिंहगुप्त और विष्णुगुप्त |
6. भारत में हूणों का उत्पात
लगभग पांचवी शताब्दी में चीन बॉर्डर पर बसे हूणों ने भारत में उत्पात मचाना आरंभ किया। गुप्त शासक स्कंदगुप्त ने 460 ईस्वी में उन्हें बुरी तरह परास्त किया। पांचवी शताब्दी के अंत में हूणों ने पंजाब का कुछ भाग हड़प लिया। 518 ईस्वी में हूणों के सरदार मिहिरकुल ने आक्रमण किया। परन्तु मालवा (पंजाब में रहने वाला कबीला) के सरदार यशोधर्मन ने उनका नाश कर दिया | 540 ईस्वी तक हूणों के साथ संघर्ष चलता रहा। अंत में गुप्त शासक नरसिंगुप्त ने उन्हें पराजित किया |
7. भारत का चहुंमुखी विकास
606-647 ईस्वी में हर्षवर्धन के काल में भारत का चहुंमुखी विकास हुआ। हर्षवर्धन ने अपनी उदार धार्मिक निति से सबको आकृष्ट किया। वर्धन राजवंश का साम्राज्य पंजाब छोड़कर पूरे उत्तर भारत में था |
यह काल भारत की सांस्कृतिक तथा राजनितिक विजय का काल था तथा भारत को विश्व से जोड़ने वाली सबसे मजबूत कड़ी का युग था |
To be continued…