Below is Shri Ram and Kevat samvaad. This is a very soothing lori/ lullabie for babies.
Even I remember listening this samvaad from my mom and grand-mom.
राम-केवट संवाद
मेरी छोटी सी है नाँव, तेरे जादू भर पाँव, मोहे डर लागे राम, कैसे बिठाऊँ तुझे नाँव में |
जब पत्थर से बन गयी नारी, ये तो काठी की नाँव हमारी - 2
मेरा यही रोज़गार, पालूं सारा परिवार, सुनो-सुनो जी मुराद, कैसे बिठाऊँ तुझे नाँव में |
एक बात जो मानो तो बिठा लूँ , तुम्हरी चरड़ों की धूल मिटा लूँ - २
मेरा संशय हो जाए दूर, यदि तुम्हे हो मंज़ूर, सुनो-सुनो जी हुज़ूर, तब तो बिठा लूँ तुम्हे नाँव में |
बड़े प्रेम से पभु के चरण धोये, पाप जनम-जनम के धोये २
हुए बड़े हे प्रसंन, किये राम दर्शन, सिया-राम-लखन आओ जी बैठो मेरी नाँव में |
धीरे-धीरे वो नाँव चलाता, और गीत ख़ुशी के गाता २
वो तो सोचे मन में, सूरज डूबे क्षण में, नहीं जाओ वन में, बैठे रहो मेरी नाँव में |
लेलो-लेलो मल्हार उतराई, कुछ पास नहीं हैं भाई २
तेरा होगा बेडा पार, तेरी होगी जय-जयकार, लो आके बैठे तेरी नाँव में |
मेरी छोटी सी है नाँव, तेरे जादू भर पाँव, मोहे डर लागे राम, कैसे बिठाऊँ तुझे नाँव में |